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Sunday, October 11, 2020

खरी भक्ती कोणती????? ..........ही का भक्ति खरी ? पळते मन बाहेरी


 

ही का भक्ति खरी ? पळते मन बाहेरी

(चाल: जाने कहाँ गयी...)

ही का भक्ति खरी ? पळते मन बाहेरीss ।।धृ0।।

देह देवापुढे, लक्ष जोड्याकडे,

नेत्र   ते   वाकडे । हात  चोरी  करी ! होss0 ।।१।।

कोण देवा बघे ? पाहति साथी - सगे,

धोतरे-साडि घे ? झाली यात्रा   पुरी ! होss0।।२।।

कीर्तनी ना बसे, सदा तमाशी दिसे,

दुःखि पाहता हसे । वृत्ति श्वानापरी ! होss0 ।।३।।

माळा घालि गळा, चंदनाचा टिळा,

सावकारी करे ! दया ना   अंतरी ! ।। होss0 ।।४।।

दारुचा डोज घे, भ्रष्ट मार्गी निघे,

दास तुकड्या म्हणे । कैसा भेटे हरी ? ।।होss0।।५।।

Wednesday, July 1, 2020

अशी पंढरी पंढरी ग


चंद्रभागेच्या तीरी ग
होई नाद हरी हरी ग
तल्लीन यो वारकरी ग
विठू माउली चरा चरी ग

अशी पंढरी पंढरी ग
विठू रायाची नगरी नगरी ग
असा गेलो मी पंढरीला ग
स्वारी मी पुजली विटेवरी विटेवरी ग
अशी पंढरी पंढरी ग
विठू रायाची नगरी नगरी ग

मृदंग टाळ सांज सकाळ
नामात तुझ्या रंगतो
भरून आलं कस आभाळ
नाम घोष तुझा घुमतो
अशी पंढरी पंढरी ग
विठू रायाची नगरी नगरी ग

अशी पंढरी झाली चोरी ग
चोरी झाली विठ्ठलाची ग
नेलं देवाचं टाळ वीण
तुळशी माळा ग
अशी पंढरी पंढरी ग
विठू रायाची नगरी नगरी ग

होत सपान तुझ्या रूपानं
भेटली मला माउली
कधी रानात उभा उन्हात
दाटली तिथंच साउली

इच्छा घेऊनि मनाची उरी ग
पायी चालतो मी पंढरी ग
एक बाजूला दुनिया सारी ग
एक बाजूला माझा हरी ग
अशी पंढरी पंढरी ग
विठू रायाची नगरी नगरी ग


Chandrabhagechya tiri g
Hoi nad Hari hari g
Tallin yo varkari g
Vithu mauli chara chari g

Ashi pandhari pandhari g
Vithu rayachi nagari nagri g
Asa gelo mi pandharila g
Swari mi pujali vithevari vithevari g
Ashi pandhari pandhari g
Vithu rayachi nagari nagri g

Mrudang taal sanj sakal
Namat tuzya rangto
Bharun aal kas aabhal
Naam ghosh tuza ghumato
Ashi pandhari pandhari g
Vithu rayachi nagari nagri g

Ashi pandhari zali chori g
Chori zali vitthalachi g
Nel devach taal vin
Tulshi mala g
Ashi pandhari pandhari g
Vithu rayachi nagari nagri g

Hot sapan tuzya rupan
Bhetali mala mauli
Kadhi ranat ubha unhat
Datali tithach Sauli

Icchha gheuni manachi uri g
Payi chalato mi Pandhari g
Ek bajula duniya sari g
Ek bajula maza hari g
Ashi pandhari pandhari g
Vithu rayachi nagari nagri g

 



Friday, June 19, 2020

हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन Lyrics




हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,
सुन लो मेरी पुकार ।
पवनसुत विनती बारम्बार ॥

अष्ट सिद्धि, नव निद्दी के दाता,
दुखिओं के तुम भाग्यविदाता ।
सियाराम के काज सवारे,
मेरा करो उधार ॥
पवनसुत विनती बारम्बार ।
॥ हे दुःख भन्जन...॥

अपरम्पार है शक्ति तुम्हारी,
तुम पर रीझे अवधबिहारी ।
भक्ति भाव से ध्याऊं तुम्हे,
कर दुखों से पार ॥
पवनसुत विनती बारम्बार ।
॥ हे दुःख भन्जन...॥

जपूं निरंतर नाम तिहरा,
अब नहीं छोडूं तेरा द्वारा ।
राम भक्त मोहे शरण मे लीजे,
भाव सागर से तार ॥
पवनसुत विनती बारम्बार ।

हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,
सुन लो मेरी पुकार ।
पवनसुत विनती बारम्बार ॥

Hey dukh bhanjan Maruti Nandan,
sun lo meri pukar Pawansut vinti baarambaar

ast siddhi naw nidhi ke data
dukhiyon ke tum bhagya vidhata
Siya Ram ke kaj sawaren mera kar uddhar
Pawansut vinti barambar

Hey dukh bhanjan maruti nandan,
sun lo meri pukar pawansut vinti baarambaar
Pawansut vinti barambar

aprampar hai shakti tumhari
tum par reejhe awadh bihari
bhakti bhav se dhyaoo tohe
kar dukhho se par Pawansut vinti baarambaar

Hey dukh bhanjan Maruti Nandan,
sun lo meri pukar Pawansut vinti baarambaar
Pawansut vinti barambar

japu nirantar naam tihaara
ab nahi chodun tera dwar
Ram bhakt mohe sharan me lije
bhav saagar se taar
Pawansut vinti baarambaar

Hey dukh bhanjan maruti nandan sun lo meri pukar
Pawansut vinti baarambaar

Tuesday, June 16, 2020

सामुदायिक प्रार्थना



!! जय गुरु !!

है प्रार्थना गुरुदेव से यह स्वर्ग्सम संसार हो
अति उच्चतम जीवन बने पर्मातमय व्यवहार हो
ना हम रहे अपने लिए हमको सभी से गरज़ है
गुरुदेव यह आशीश दे जो सोचने का फ़र्ज़ है

हम हो पुजारी तत्व के, गुरुदेव के आदेश के
सच प्रेम के नित नेम के, सत्धर्म के सत्कर्म के
हो चिढ झूठी राह की, अन्याय की अभिमान की
सेवा कारन को दास की, परवाह नहीं हो जान की

छोटे ना हो हम बुद्धी से, हो विश्व्मय से ईश्मय
हो राममय और कृष्न्मय, जगदेव में जगदीश्मय
हर ईन्द्रीयों पर ताव कर, हम वीर हो अति धीर हो
उज्जवल रहे सरस सदा, निज धरमरथ समबीर हो

अत्तिशुध हो आचार से, तन मन हमारा सर्वदा
आध्यात्मा कि शक्ति हमें, पल भी नहीं कर दे जुदा
इस अमर आत्मा का हमें, हर श्वास भर में गम रहें
गर मौत भी आ गयी, सुख दुःख में हम सम रहें

हे गुरुदेव हम सबको सद्बुद्धि दे
सतकर्त्व्य करने की परवर्ती दे
सच बोलने का अभ्यास दे
सतस्वरूप का ज्ञान दे