भारत शानदार हो मेरा । भारत शानदार हो मेरा
भारत शानदार हो मेरा । भारत शानदार हो मेरा ।।टेक ।।
मैं सेवक बलवान सिपाही, रहूँ देशको प्यार ।
शुध्द चरित्र, लीनता, ममता यहि मेरा निर्धारा ।।१।।
हिंदू , ईसाई, बुध्द, पारसी, मुस्लिम,जिन गुरु-द्वारा ।
भाई समझकर सबसे बरतूँ,यही लगाकर नारा ।।२।।
सदा रहूँ उद्योगी तनसे, करुँ व्यायाम पियारा ।
नित्य करुँ प्रार्थना सामुहिक,लेकर जन-गण सारा।।३।
सुन्दर गाँव बनाय बहादूँ, मित्र प्रेमकी धारा ।तुकड्यादास कहे घर-घर करुँ, रामराज्य उजियारा ।।४
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