Tuesday, June 16, 2020

सामुदायिक प्रार्थना



!! जय गुरु !!

है प्रार्थना गुरुदेव से यह स्वर्ग्सम संसार हो
अति उच्चतम जीवन बने पर्मातमय व्यवहार हो
ना हम रहे अपने लिए हमको सभी से गरज़ है
गुरुदेव यह आशीश दे जो सोचने का फ़र्ज़ है

हम हो पुजारी तत्व के, गुरुदेव के आदेश के
सच प्रेम के नित नेम के, सत्धर्म के सत्कर्म के
हो चिढ झूठी राह की, अन्याय की अभिमान की
सेवा कारन को दास की, परवाह नहीं हो जान की

छोटे ना हो हम बुद्धी से, हो विश्व्मय से ईश्मय
हो राममय और कृष्न्मय, जगदेव में जगदीश्मय
हर ईन्द्रीयों पर ताव कर, हम वीर हो अति धीर हो
उज्जवल रहे सरस सदा, निज धरमरथ समबीर हो

अत्तिशुध हो आचार से, तन मन हमारा सर्वदा
आध्यात्मा कि शक्ति हमें, पल भी नहीं कर दे जुदा
इस अमर आत्मा का हमें, हर श्वास भर में गम रहें
गर मौत भी आ गयी, सुख दुःख में हम सम रहें

हे गुरुदेव हम सबको सद्बुद्धि दे
सतकर्त्व्य करने की परवर्ती दे
सच बोलने का अभ्यास दे
सतस्वरूप का ज्ञान दे

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